कविताएं और भी यहाँ ..

Tuesday, February 9, 2010

कृष्ण अर्जुन संवाद

कहा कृष्ण ने,
अर्जुन !!
ये क्या ,
तुम खुद को भूले ...
तुम गांडीव चलाना भूले ?
द्वापर में तो तुम,
चिड़िया की आँख
भेदते थे ,
और अब ऐसे भटके,
कि धनुष उठाना भूले |
इस पर,
अर्जुन बोला,
क्षमा करे भगवन,
पर मैं कुछ नहीं भूला,
भटके तो आप है,
तो अभी तक
गीता नहीं भूले |
अरे...
गांडीव चला के,
मुझे क्या अपना
"स्टेटस" गिराना है |
कुछ तो समझो,
ये ऐ के ४७ का ज़माना है |

3 comments:

मनोज कुमार said...

कविता क़ाबिले-तारीफ़ है।

Randhir Singh Suman said...

nice

sparshdubey said...

Mast hai....Mahabharat with new touch..and new realities..