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Saturday, November 12, 2011

दोस्ती और ...

ये पंक्तिया ४ महीने पहले लिखी गई थी... फ्रेंडशिप डे के दिन ..
 
 
आज  मेरी  पीठ  तेरी  तरफ  हो  तो  भी  खंजर  न  उठाना ,
आज  तो  दोस्तों  के  दिए  ज़ख्म  सहलाने  का  दिन  है ...
कभी  तो  दोस्त  होने  का  फ़र्ज़  अदा  कर  और  मुझे  बख्श  दे ,
कोई  कह  गया  है कि आज फिर तेरी दोस्ती को आजमाने का दिन है
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