ये पंक्तिया ४ महीने पहले लिखी गई थी... फ्रेंडशिप डे के दिन ..
आज मेरी पीठ तेरी तरफ हो तो भी खंजर न उठाना ,...
आज तो दोस्तों के दिए ज़ख्म सहलाने का दिन है ...
कभी तो दोस्त होने का फ़र्ज़ अदा कर और मुझे बख्श दे ,
कोई कह गया है कि आज फिर तेरी दोस्ती को आजमाने का दिन है
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