कविताएं और भी यहाँ ..

Tuesday, September 29, 2009

सिर्फ अदाकार ही बसते हैं यहाँ पर

सिर्फ अदाकार ही बसते हैं यहाँ पर ,
किसी के आंसू तुम्हे खारे नहीं मिलेंगे ...

जिनसे करवाओगे अपने जख्मो का इलाज ,
वही बा इत्मिनान तेरा सर कलम करेंगे ...

यहाँ सच से जुबान फिरती ही रहती है ,
तू कुछ भी कर ले लोग बुरा कहेंगे ..
चीखें सुनोगे यहाँ तो डर जाओगे ,
हंसने के अंदाज़ भी यहाँ जुदा मिलेंगे ,

कौन भरोसा करेगा तेरा यहाँ पर ,
इस शब्द के जानकार ही यहाँ नहीं मिलेंगे ...
फिरते ही रहना एक दोस्त की तलाश में तुम ,
यहाँ शकल में सिर्फ दुश्मन ही मिलेंगे ,
यहाँ तेरी बातों का कोई मोल नहीं है ,
तुझे सुन ने वाले नहीं खरीददार ही मिलेंगे ,
जला दो अपनी किताबों से ख्वाबों के पन्ने ,
कितना भी खूबसूरत हो लोग बकवास कहेंगे ..
मेरा चेहरा अब किसी की पहच्हन में नहीं आता .
जो कभी अच्छा कहते थे वही अब गिरा हुआ कहेंगे ..

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