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Wednesday, November 4, 2009

तुम बहुत बड़ा बनना

तुम बहुत बड़ा बनना

इतना बड़ा
कि आकाश छू सको |
लेकिन उसको छूने की चाह में ,
पैरो की जमीन मत छोड़ना
जब उठना हो ऊंचा,
तो मुझसे कहना,
मैं गोद में उठा लूँगा तुम्हे,
और तुम्हारी जमीन को ,
सलामत रखूँगा
अपने पैरो के तले |
~-मयंक 

1 comment:

Pramod Sharma said...

मैं गोद में उठा लूँगा तुम्हे,
और तुम्हारी जमीन को ,
सलामत रखूँगा
अपने पैरो के तले ||



bahut hi gahri lines hai... bahut khoob