तुम बहुत बड़ा बनना 
इतना बड़ा
कि आकाश छू सको |
लेकिन उसको छूने की चाह में ,
पैरो की जमीन मत छोड़ना
जब उठना हो ऊंचा,
तो मुझसे कहना,
मैं गोद में उठा लूँगा तुम्हे,
और तुम्हारी जमीन को ,
सलामत रखूँगा
अपने पैरो के तले |
~-मयंक
इतना बड़ा
कि आकाश छू सको |
लेकिन उसको छूने की चाह में ,
पैरो की जमीन मत छोड़ना
जब उठना हो ऊंचा,
तो मुझसे कहना,
मैं गोद में उठा लूँगा तुम्हे,
और तुम्हारी जमीन को ,
सलामत रखूँगा
अपने पैरो के तले |
~-मयंक

 
 
1 comment:
मैं गोद में उठा लूँगा तुम्हे,
और तुम्हारी जमीन को ,
सलामत रखूँगा
अपने पैरो के तले ||
bahut hi gahri lines hai... bahut khoob
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