ये वो दौर है यारों जहाँ गरीब को मरने की जल्दी इसीलिए भी है,
कि कहीं ज़िन्दगी की कश्मकश में कफ़न महंगा न हो जाये ...
"Above quote I have heard somewhere and then I expand this idea ..."
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और
ये वो दौर भी है यारों जहाँ मैं तुमसे तेज़ चलने की कोशिश में इसीलिए लगा हूँ,
कि जो रोटी मेरी भूख की नहीं है वो कभी कहीं तुम्हे न मिल जाए ...
और ये दौर वो भी है यारो जहा तेरे कंधे पे मेरा हाथ इसीलिए भी जरूरी है ,
कि वक़्त कि इस दौड़ में कही तू मेरे आगे न निकल जाए |
और ये वो दौर भी है यारों जहाँ मेरे चेहरे पे मुखौटा इसीलिए भी जरूरी है,
कि उभरते चेहरों की इस दुनिया में कही मेरा असल रंग न उतर जाए | - Mayank G
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